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नई दिल्ली: दिल्ली में सोमवार को सांस लेना भी दूभर हो गया, 15 इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 36 में से 33 वायु निगरानी केंद्रों पर एक्यूआई 490 के पार चला गया, जबकि 15 केंद्रों पर तो यह अधिकतम स्तर 500 पर पहुंच गया। अशोक विहार, बवाना, डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, द्वारका सेक्टर 8, जहांगीरपुरी, मुंडका, मेजर ध्यानचंद नैशनल स्टेडियम, नजफगढ़, नेहरू नगर, डीयू का नॉर्थ कैंपस, पटपड़गंज, पंजाबी बाग, रोहिणी और वजीरपुर उन इलाकों में शामिल हैं जहां एक्यूआई 500 पर पहुंच गया।
सीपीसीबी के अनुसार, मंदिर मार्ग जैसे कुछ स्टेशनों ने 499 का एक्यूआई दर्ज किया, जो खतरे के निशान के बेहद करीब है। सीपीसीबी 0-500 के पैमाने पर एक्यूआई की निगरानी करता है। पिछले साल 3 नवंबर को आरके पुरम जैसे कुछ स्टेशनों पर एक्यूआई 500 के अधिकतम स्तर तक पहुंच गया था। हालांकि, सोमवार को स्थिति अधिक गंभीर थी क्योंकि अधिकांश स्टेशनों ने एक्यूआई 500 दर्ज किया या 498 या 499 के आसपास के स्तर पर थे। दिन भर 500 का एक्यूआई दर्ज करने वाले निगरानी केंद्रों की संख्या बढ़ती रही।
नजफगढ़ में पूरे दिन 500 का एक्यूआई दर्ज किया। वहां दोपहर 2 बजे PM2.5 की सांद्रता 1,117 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी। यह राष्ट्रीय मानक से 19 गुना और डब्ल्यूएचओ के मानक से 74 गुना अधिक था। अशोक विहार में सोमवार दोपहर को PM2.5 का घंटे का स्तर बढ़कर 1,083 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया, जबकि राष्ट्रीय मानक 60 और डब्ल्यूएचओ का दिशानिर्देश 15 है। पंजाबी बाग, रोहिणी और नेहरू नगर में PM2.5 की सांद्रता क्रमशः 1,038, 1,022 और 1,009 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।
एनवायरोकैटेलिस्ट्स के संस्थापक और प्रमुख विश्लेषक सुनील दहिया ने कहा, 'एक्यूआई की गणना के लिए सीपीसीबी और IQAir दोनों समान कच्चे डेटा का उपयोग करते हैं। हालांकि, उनके अलग-अलग सूत्र और ब्रेक ईवन पॉइंट हैं, जिसके कारण एक्यूआई के आंकड़ों में अंतर है। उदाहरण के लिए, अमेरिका एक्यूआई 0-9 होने पर 'अच्छी' श्रेणी को वर्गीकृत करता है, जबकि सीपीसीबी 0-50 के एक्यूआई को 'अच्छा' बताता है।'
दिल्ली में जहरीली हो चुकी है हवा
सीपीसीबी के अनुसार, मंदिर मार्ग जैसे कुछ स्टेशनों ने 499 का एक्यूआई दर्ज किया, जो खतरे के निशान के बेहद करीब है। सीपीसीबी 0-500 के पैमाने पर एक्यूआई की निगरानी करता है। पिछले साल 3 नवंबर को आरके पुरम जैसे कुछ स्टेशनों पर एक्यूआई 500 के अधिकतम स्तर तक पहुंच गया था। हालांकि, सोमवार को स्थिति अधिक गंभीर थी क्योंकि अधिकांश स्टेशनों ने एक्यूआई 500 दर्ज किया या 498 या 499 के आसपास के स्तर पर थे। दिन भर 500 का एक्यूआई दर्ज करने वाले निगरानी केंद्रों की संख्या बढ़ती रही।दिल्लीवासियों की बिगड़ रही सेहत
द्वारका सेक्टर 8 स्थित स्टेशन ने सोमवार सुबह 9 बजे अधिकतम एक्यूआई दर्ज किया और पूरे दिन यही स्तर बना रहा। इस स्टेशन से लगभग एक किलोमीटर दूर द्वारका सेक्टर 22 में रहने वाली रीना यादव ने बताया कि रविवार दोपहर से ही उन्हें हवा की गुणवत्ता में अचानक गिरावट महसूस हुई, जो सोमवार को भी जारी रही। यादव ने कहा, 'लगातार जहरीली होती हवा से आंखों में जलन, लगातार खांसी और सिरदर्द बना रहता है। इस खराब हवा में सांस लेने से हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।'खतरनाक स्तर पर पहुंचा पीएम2.5 लेवल
दिल्ली के कई इलाकों में PM2.5 की मात्रा खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार दोपहर 1 बजे मुंडका में PM2.5 का घंटे का स्तर 1,193 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ, राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के दैनिक मानक से 20 गुना अधिक था। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के दैनिक सुरक्षित दिशानिर्देश से 80 गुना अधिक था।नजफगढ़ में पूरे दिन 500 का एक्यूआई दर्ज किया। वहां दोपहर 2 बजे PM2.5 की सांद्रता 1,117 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी। यह राष्ट्रीय मानक से 19 गुना और डब्ल्यूएचओ के मानक से 74 गुना अधिक था। अशोक विहार में सोमवार दोपहर को PM2.5 का घंटे का स्तर बढ़कर 1,083 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया, जबकि राष्ट्रीय मानक 60 और डब्ल्यूएचओ का दिशानिर्देश 15 है। पंजाबी बाग, रोहिणी और नेहरू नगर में PM2.5 की सांद्रता क्रमशः 1,038, 1,022 और 1,009 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।
विशेषज्ञों की बात
हालांकि, अलग-अलग मानकों का उपयोग करने वाले IQAir के अनुसार, दोपहर 12 बजे द्वारका सेक्टर 8 में एक्यूआई 1927 था। विशेषज्ञों ने कहा कि पॉल्युटैंट कंसंट्रेशन पर IQAir का रॉ डेटा समान है, लेकिन यह एक अलग सूत्र और ब्रेक ईवन पॉइंट (एक प्रदूषण श्रेणी से दूसरे में बदलाव के लिए बिंदु) का उपयोग करता है।एनवायरोकैटेलिस्ट्स के संस्थापक और प्रमुख विश्लेषक सुनील दहिया ने कहा, 'एक्यूआई की गणना के लिए सीपीसीबी और IQAir दोनों समान कच्चे डेटा का उपयोग करते हैं। हालांकि, उनके अलग-अलग सूत्र और ब्रेक ईवन पॉइंट हैं, जिसके कारण एक्यूआई के आंकड़ों में अंतर है। उदाहरण के लिए, अमेरिका एक्यूआई 0-9 होने पर 'अच्छी' श्रेणी को वर्गीकृत करता है, जबकि सीपीसीबी 0-50 के एक्यूआई को 'अच्छा' बताता है।'
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